जान से कैसे जाया जाता है
ये हुनर क्या सिखाया जाता है
बोल कर बोलियाँ परिंदों की
इन को घेरे में लाया जाता है
बाज़ वादे किए नहीं जाते
फिर भी उन को निभाया जाता है
मैं न जाऊँ कहीं तो फिर देखूँ
किस तरह मेरा साया जाता है
सुब्ह के ब'अद भी जो रौशन हों
इन दियों को बुझाया जाता है
ग़ज़ल
जान से कैसे जाया जाता है
अंजुम ख़याली