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इस तरह इश्क़ में बर्बाद नहीं रह सकते | शाही शायरी
is tarah ishq mein barbaad nahin rah sakte

ग़ज़ल

इस तरह इश्क़ में बर्बाद नहीं रह सकते

शमीम हनफ़ी

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इस तरह इश्क़ में बर्बाद नहीं रह सकते
इतने क़िस्से तो हमें याद नहीं रह सकते

हम मोहब्बत के ख़राबों के मकीं हैं फिर भी
उम्र भर माइल-ए-फ़रियाद नहीं रह सकते

आप ही आप खिंचे जाते हैं अपनी जानिब
लोग चाहें भी तो आज़ाद नहीं रह सकते

एक आवाज़ सी आती है अजब कानों में
शहर अब देर तक आबाद नहीं रह सकते