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हूँ मैं भी शो'बदा कोई दुनिया के सामने | शाही शायरी
hun main bhi shoabada koi duniya ke samne

ग़ज़ल

हूँ मैं भी शो'बदा कोई दुनिया के सामने

एजाज़ अासिफ़

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हूँ मैं भी शो'बदा कोई दुनिया के सामने
हैरान हो रही है मुझे पा के सामने

ज़र्रे ने आज अपनी हक़ीक़त को पा लिया
ज़र्रा न सर-निगूँ हुआ सहरा के सामने

उकसा रही है कोई ख़लिश देर से मुझे
रख दिल सा फूल ख़ार-ए-तमन्ना के सामने

ख़ल्वत में कर रहा था गुनाहों का ए'तिराफ़
होंटों को वा न कर सका दुनिया के सामने

'आसिफ़' तमाम मरहले आसान हो गए
ठहरी न इक चटान भी दरिया के सामने