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हुस्न की बर्क़-बारियाँ तौबा | शाही शायरी
husn ki barq-bariyan tauba

ग़ज़ल

हुस्न की बर्क़-बारियाँ तौबा

मुहीउद्दीन इरफ़ान

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हुस्न की बर्क़-बारियाँ तौबा
इश्क़ पर ताज़ा-कारियाँ तौबा

दिल लगाते ही होश खो बैठे
शौक़ की बे-क़रारियाँ तौबा

आख़िरश दिल को ख़ाक कर डाला
आह की शोला-बारियाँ तौबा

ग़ैर रब्त हम से बे-रब्ती
यार की ऐसी यारियाँ तौबा

चश्म-ए-तर अब तो ज़ब्त-ए-गिर्या कर
यूँ भी क्या अश्क-बारियाँ तौबा

हम रहें शौक़-ए-दीद में कब तक
दिल की उम्मीदवारियाँ तौबा

अर्सा-ए-हिज्र-ए-यार में 'इरफ़ाँ'
दर्द की ग़म-गुसारियाँ तौबा