EN اردو
हुस्न-ए-बज़्म-ए-मिसाल में क्या है | शाही शायरी
husn-e-bazm-e-misal mein kya hai

ग़ज़ल

हुस्न-ए-बज़्म-ए-मिसाल में क्या है

रसा चुग़ताई

;

हुस्न-ए-बज़्म-ए-मिसाल में क्या है
आईने के ख़याल में क्या है

देखती क्या है ऐ निगाह-ए-करम
मेरे दस्त-ए-सवाल में क्या है

तू नहीं है तो कौन है मुझ में
फ़र्क़ हिज्र ओ विसाल में क्या है

इन्क़िलाबात-ए-ज़िंदगी क्या हैं
गर्दिश-ए-माह-ओ-साल में क्या है

आप दामन-कशाँ गुज़रते हैं
रहगुज़ार-ए-ख़याल में क्या है

बात इज़हार-ए-हाल में क्या थी
राज़ इख़्फ़ा-ए-हाल में क्या है