हसीं कितना ज़ियादा हो गया है
वो जब से और सादा हो गया है
चलो हम भी मोहब्बत कर ही लेंगे
अगर उस का इरादा हो गया है
भुला दूँगा उसे अगले जनम तक
मिरा उस से ये वा'दा हो गया है
घड़ी-भर उस की आँखों में उतर कर
समुंदर भी कुशादा हो गया है
बिछड़ने का उसे भी दुख है शायद
कि अब तो वो भी आधा हो गया है
ग़ज़ल
हसीं कितना ज़ियादा हो गया है
हसन अब्बासी