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हर सुख़न में वो सेहर करते हैं | शाही शायरी
har suKHan mein wo sehr karte hain

ग़ज़ल

हर सुख़न में वो सेहर करते हैं

हसन बरेलवी

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हर सुख़न में वो सेहर करते हैं
मुर्दे जीते हैं ज़िंदे मरते हैं

देख कर मुझ को बोले दुश्मन से
एक दिलबर पे ये भी मरते हैं

जो जवाब-ए-सलाम उन से दिलाए
हम उसे सौ सलाम करते हैं