EN اردو
हर किसी के लिए दुआ करना | शाही शायरी
har kisi ke liye dua karna

ग़ज़ल

हर किसी के लिए दुआ करना

आरिफ़ इशतियाक़

;

हर किसी के लिए दुआ करना
ख़ूब होता है यूँ शिफ़ा करना

अब मुझे उजलत-ए-रिहाई नहीं
तुम मुझे मार कर रिहा करना

ज़िंदगी क्या है और क्या है अजल
तुम से मिलना तुम्हें जुदा करना

गर ज़मीं पर हुआ तो आऊँगा
तुम गला छील कर सदा करना

लोग साहिल पे डूब जाएँगे
तुम समुंदर पे इक्तिफ़ा करना