हर ग़म में करीम है हमारा
अल्लाह रहीम है हमारा
कहता है रहम खा के माबूद
ये अब्द यतीम है हमारा
सेहत है मरज़ क़ज़ा शिफ़ा है
अल्लाह हकीम है हमारा
तू ख़ुश हो कि है दहान-ए-ख़ंदाँ
दिल ग़म से दो नीम है हमारा
क़िस्मत में जो है वही मिलेगा
मक़्सूम क़सीम है हमारा
दिल ग़ैरत-ए-गुल है दाग़-ए-ग़म से
दम रश्क-ए-शमीम है हमारा
साबित है कि दम में कुछ का कुछ है
नादिम जो नदीम है हमारा
मख़्लूक़ न समझे गुनाह-ए-ख़ालिक़
अल्लाह हलीम है हमारा
हादिस तेरे बुत हैं सब बरहमन
अल्लाह क़दीम है हमारा
आदिल है तू इर्स-ए-हद में क्या क्या
घर बाग़-ए-नईम है हमारा
आँखें नहीं पर है शौक़-ए-दीदार
दिल ऐन-ए-कलीम है हमारा
क्या पेश-ए-नज़र हैं शबनम-ओ-गुल
गोया ज़र-ओ-सीम है हमारा
हर लहज़ा है 'अर्श' उमीद-ए-रहमत
अल्लाह रहीम है हमारा
ग़ज़ल
हर ग़म में करीम है हमारा
मीर कल्लू अर्श