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हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता | शाही शायरी
hamesha dil mein rahta hai kabhi goya nahin jata

ग़ज़ल

हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता

आलम ख़ुर्शीद

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हमेशा दिल में रहता है कभी गोया नहीं जाता
जिसे पाया नहीं जाता उसे खोया नहीं जाता

कुछ ऐसे ज़ख़्म हैं जिन को सभी शादाब लगते हैं
कुछ ऐसे दाग़ हैं जिन को कभी धोया नहीं जाता

अजब सी गूँज उठती दर-ओ-दीवार से हर-दम
ये ख़्वाबों का ख़राबा है यहाँ सोया नहीं जाता

बहुत हँसने की आदत का यही अंजाम होता है
कि हम रोना भी चाहें तो कभी रोया नहीं जाता