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हमारे दिल के आईने में है तस्वीर नानक की | शाही शायरी
hamare dil ke aaine mein hai taswir nanak ki

ग़ज़ल

हमारे दिल के आईने में है तस्वीर नानक की

श्याम सुंदर लाल बर्क़

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हमारे दिल के आईने में है तस्वीर नानक की
हमारे कान के पर्दे में है तक़रीर नानक की

तरीक़-ए-रास्त से हट कर वो हरगिज़ जा नहीं सकता
पड़ी है पाँव में जिस शख़्स की ज़ंजीर नानक की

बसर की उम्र अपनी गुमरहों की रहनुमाई में
यही थी रोज़-ओ-शब कोशिश भी और तदबीर नानक की

मुसख़्ख़र कर लिया हर शख़्स को पंद-ओ-नसीहत से
कोई अफ़्सूँ था या तक़रीर थी तासीर नानक की

कलाम‌‌‌‌-ए-पंद में उस के असर था आब-ए-हैवाँ का
दिल-ए-मुर्दा को ज़िंदा करती थी तक़रीर नानक की

पसंद-तब्अ' थी उस की नसीहत जुमला-आलम को
दहन में थी ज़बान-ए-पाक पर तासीर नानक की

झुका दे आस्ताँ पर उस के तू भी 'बर्क़' सर अपना
है दरवेशान-ए-कामिल में बड़ी तौक़ीर नानक की