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हैरत है वो ख़ून की बातें करते हैं | शाही शायरी
hairat hai wo KHun ki baaten karte hain

ग़ज़ल

हैरत है वो ख़ून की बातें करते हैं

अशफ़ाक़ रशीद मंसूरी

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हैरत है वो ख़ून की बातें करते हैं
जो अक्सर क़ानून की बातें करते हैं

जिन की जेबें अक्सर ख़ाली रहती हैं
जाने क्यूँ क़ारून की बातें करते हैं

अपनी गलियों का भी जिन को इल्म नहीं
देखो वो रंगून की बातें करते हैं

कब से मौसम सर्द पड़ा है मिलने का
और वो हैं कि जून की बातें करते हैं

दिल की दुनिया बिग-बाज़ार में रहती है
वो मुझ से परचून की बातें करते हैं