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हैराँ हैं देख तेरी सूरत को याँ तलक हम | शाही शायरी
hairan hain dekh teri surat ko yan talak hum

ग़ज़ल

हैराँ हैं देख तेरी सूरत को याँ तलक हम

इश्क़ औरंगाबादी

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हैराँ हैं देख तेरी सूरत को याँ तलक हम
तस्वीर-साँ ऐ प्यारे मारे नहीं पलक हम

हों बारयाब क्यूँ-कर ख़ुर्शीद-रू तलक हम
ऐ काश उस की देखें जियूँ ज़र्रा इक झलक हम

ये फ़ाल-ए-आरज़ू है ऐसा न बीनो देखो
दिलबर के फिर भी होंगे वाबस्ता-ए-अलक हम

हर हाल में ग़रज़ 'इश्क़' दाद-ए-जुनूँ है देनी
सर फोड़ते फ़लक से होते अगर मलक हम