गो तिरी ज़ुल्फ़ों का ज़िंदानी हूँ मैं
भूल मत जाना कि सैलानी हूँ मैं
ज़िंदगी की क़ैद कोई क़ैद है
सूखते तालाब का पानी हूँ मैं
चाँदनी रातों में यारों के बग़ैर
चाँदनी रातों की वीरानी हूँ मैं
जिस क़दर मौजूद हूँ मफ़क़ूद हूँ
जिस क़दर ग़ाएब हूँ लाफ़ानी हूँ मैं
मुझ को तन्हाई में सुनना बैठ कर
मुतरिब-ए-लम्हात-ए-वजदानी हूँ मैं
जिस क़दर करता हूँ अंदेशा 'अदम'
उस क़दर तस्वीर-ए-हैरानी हूँ मैं
अक़्ल से क्या काम मुझ नाचीज़ का
एक मा'मूली सी नादानी हूँ मैं
हूँ अगर तो हूँ भी क्या इस के सिवा
क़ीमती विर्से की अर्ज़ानी हूँ मैं
दिल की धड़कन बढ़ती जाती है 'अदम'
किस हसीं के ज़ेर-ए-निगरानी हूँ मैं
ग़ज़ल
गो तिरी ज़ुल्फ़ों का ज़िंदानी हूँ मैं
अब्दुल हमीद अदम