EN اردو
ग़म का कोई तो हल तलाश करें | शाही शायरी
gham ka koi to hal talash karen

ग़ज़ल

ग़म का कोई तो हल तलाश करें

शाहिद फ़रीद

;

ग़म का कोई तो हल तलाश करें
ख़ूबसूरत महल तलाश करें

नफ़रतों के उजाड़ मौसम में
प्यार का कोई पल तलाश करें

भूक उगने लगी है बस्ती में
तिश्ना-लब लोग जल तलाश करें

कितने पागल हैं मेरे शहर के लोग
बाँझ मौसम में फल तलाश करें

तल्ख़ यादों को भूल कर 'शाहिद'
हाल में अपना कल तलाश करें