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गली-कूचों में हंगामा बपा करना पड़ेगा | शाही शायरी
gali-kuchon mein hangama bapa karna paDega

ग़ज़ल

गली-कूचों में हंगामा बपा करना पड़ेगा

इफ़्तिख़ार आरिफ़

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गली-कूचों में हंगामा बपा करना पड़ेगा
जो दिल में है अब उस का तज़्किरा करना पड़ेगा

नतीजा कर्बला से मुख़्तलिफ़ हो या वही हो
मदीना छोड़ने का फ़ैसला करना पड़ेगा

वो क्या मंज़िल जहाँ से रास्ते आगे निकल जाएँ
सो अब फिर इक सफ़र का सिलसिला करना पड़ेगा

लहू देने लगी है चश्म-ए-ख़ूँ-बस्ता सो इस बार
भरी आँखों से ख़्वाबों को रिहा करना पड़ेगा

मुबादा क़िस्सा-ए-अहल-ए-जुनूँ ना-गुफ़्ता रह जाए
नए मज़मून का लहजा नया करना पड़ेगा

दरख़्तों पर समर आने से पहले आए थे फूल
फलों के बा'द क्या होगा पता करना पड़ेगा

गँवा बैठे तिरी ख़ातिर हम अपने महर ओ माहताब
बता अब ऐ ज़माने और क्या करना पड़ेगा