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एक दुनिया नई बनाएँगे | शाही शायरी
ek duniya nai banaenge

ग़ज़ल

एक दुनिया नई बनाएँगे

ओसामा अमीर

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एक दुनिया नई बनाएँगे
हू-ब-हू आप सी बनाएँगे

अपने आँसू सँभाल कर रखना
इक समुंदर कभी बनाएँगे

हम सुनेंगे कहानियाँ पहले
फिर तुझे जल-परी बनाएँगे

तेरा किरदार बस ज़रा सा है
हम तुझे मरकज़ी बनाएँगे

कैनवस पर बना के राधा-श्याम
साथ इक बाँसुरी बनाएँगे

इक जगह हम बनाएँगे दरिया
इक जगह तिश्नगी बनाएँगे