एक अजब शहज़ादा मेरे बाग़ों का
देखो आया मौसम सुर्ख़ चराग़ों का
नाच रही है एक शजर पर सारी बहार
और यहाँ भी शोर बहुत है ज़ाग़ों का
दिल के अंदर झगड़ा देखने वालों में
दिल के अंदर मेला एक चराग़ों का
देखो अब भी मेरे महल में रहता है
एक अजब वीराना मेरे दाग़ों का
ग़ज़ल
एक अजब शहज़ादा मेरे बाग़ों का
क़मर जमील