EN اردو
एक आँसू गिरा सोचते सोचते | शाही शायरी
ek aansu gira sochte sochte

ग़ज़ल

एक आँसू गिरा सोचते सोचते

नक़्श लायलपुरी

;

एक आँसू गिरा सोचते सोचते
याद क्या आ गया सोचते सोचते

कौन था क्या था वो याद आता नहीं
याद आ जाएगा सोचते सोचते

जैसे तस्वीर लटकी हो दीवार से
हाल ये हो गया सोचते सोचते

सोचने के लिए कोई रस्ता नहीं
मैं कहाँ आ गया सोचते सोचते

मैं भी रस्मन तअ'ल्लुक़ निभाता रहा
वो भी अक्सर मिला सोचते सोचते

फ़ैसले के लिए एक पल था बहुत
एक मौसम गया सोचते सोचते

'नक़्श' को फ़िक्र रातें जगाती रहीं
आज वो सो गया सोचते सोचते