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दुनिया वो रास्ते की रुकावट है दोस्तो | शाही शायरी
duniya wo raste ki rukawaT hai dosto

ग़ज़ल

दुनिया वो रास्ते की रुकावट है दोस्तो

ज़ीशान साजिद

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दुनिया वो रास्ते की रुकावट है दोस्तो
जिस से हमें शदीद लगावट है दोस्तो

छत पर खड़े हैं फिर भी नज़र आसमाँ पे है
पानी में तिश्नगी की मिलावट है दोस्तो

इक तो ये रास्ते हैं कि जैसे हों दाएरे
उस पर मसाफ़तों की थकावट है दोस्तो

हम सब को क्या पड़ी कि तअ'ल्लुक़ बनाएँ हम
चेहरों पे पुर-फ़रेब बनावट है दोस्तो

लम्हों की उँगलियों पे सभी नाचने लगे
ये जश्न-ए-ज़िंदगी की बनावट है दोस्तो