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दोस्त से ख़्वाह वो अदू से मिले | शाही शायरी
dost se KHwah wo adu se mile

ग़ज़ल

दोस्त से ख़्वाह वो अदू से मिले

तनवीर देहलवी

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दोस्त से ख़्वाह वो अदू से मिले
न हुए हम तो फिर कसू से मिले

साथ इस के पले हैं लाखों दिल
क्यूँ न रंग-ए-हिना लहू से मिले

वाह ये शक्ल ये दग़ा-बाज़ी
दिल कसू का लिया कसू से मिले

वैसे ही हसरतों के ख़ून हुए
उन से थे जैसे आरज़ू से मिले

लो गए थे नमाज़ को 'तनवीर'
मय-कदे के हैं रू-ब-रू से मिले