EN اردو
दिया जलाया दोनों ने | शाही शायरी
diya jalaya donon ne

ग़ज़ल

दिया जलाया दोनों ने

नज़ीर क़ैसर

;

दिया जलाया दोनों ने
देखा साया दोनों ने

लिख कर सादा काग़ज़ पर
नाम बताया दोनों ने

आँखों और चराग़ों को
साथ जगाया दोनों ने

दोनों महक से बोझल थे
फूल खिलाया दोनों ने

ख़ामोशी की बूँद गिरी
हर्फ़ बनाया दोनों ने

कमरे में वो दोनों थे
शोर मचाया दोनों ने

धूप की उजली चादर में
बाँधा साया दोनों ने