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दिलों को तोड़ने वालो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो | शाही शायरी
dilon ko toDne walo KHuda ka KHauf karo

ग़ज़ल

दिलों को तोड़ने वालो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो

शिव रतन लाल बर्क़ पूंछवी

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दिलों को तोड़ने वालो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो
गिरे हुओं को उठा लो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो

चमक कर और बढ़ाओ न मेरी सियह-बख़्ती
बड़े घरों के उजालो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो

न जाओ कार-ए-मोहब्बत में छोड़ कर तन्हा
ज़रा सा हाथ बटा लो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो

हमें भी राह दिखा दो बड़ा अंधेरा है
जहाँ में रौशनी वालो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो

हमारी लग़्ज़िश-ए-पा पर न यूँ हँसो तनज़न
ख़ुदारा बढ़ के उठा लो ख़ुदा का ख़ौफ़ करो