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दिल में उन का ख़याल आता है | शाही शायरी
dil mein un ka KHayal aata hai

ग़ज़ल

दिल में उन का ख़याल आता है

अबु मोहम्मद वासिल

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दिल में उन का ख़याल आता है
और पहरों मुझे रुलाता है

बस तू ही तू है हर तरफ़ मौजूद
कोई आता है और न जाता है

आँखों आँखों में ले लिया दिल को
और दिल में कोई समाता है

ज़ुल्मतों का गुज़र कहाँ मुमकिन
उन का रौशन ख़याल आता है

अपनी सूरत कहाँ रही 'वासिल'
उन की सूरत का सब तमाशा है