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दिल में तेरे ख़याल की ख़ुश्बू | शाही शायरी
dil mein tere KHayal ki KHushbu

ग़ज़ल

दिल में तेरे ख़याल की ख़ुश्बू

मुनव्वर हाशमी

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दिल में तेरे ख़याल की ख़ुश्बू
हिज्र में है विसाल की ख़ुश्बू

दिल के जज़्बे जवान रखती है
तेरे हुस्न-ओ-जमाल की ख़ुश्बू

काश तेरे जवाब से आए
मेरे हर इक सवाल की ख़ुश्बू

काश तुझ को भी हो कभी महसूस
मेरे ना-गुफ़्ता हाल की ख़ुश्बू

मुझ को अपने ज़वाल में से भी
आ रही है कमाल की ख़ुश्बू

हम फ़क़ीरों से दूर रहती है
हशमत-ओ-जाह-ओ-माल की ख़ुश्बू

फूल से आ रही है जो सब को
अस्ल में है निहाल की ख़ुश्बू

एक पौदे के फूल हैं लेकिन
है जुदा डाल डाल की ख़ुश्बू

है 'मुनव्वर' तुम्हारे होंटों में
इक परी-रुख़ के ख़ाल की ख़ुश्बू