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दिल को कोसो जो चाहता है | शाही शायरी
dil ko koso jo chahta hai

ग़ज़ल

दिल को कोसो जो चाहता है

लाला माधव राम जौहर

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दिल को कोसो जो चाहता है
मैं ने क्या आप का लिया है

क्या हँसते हो मेरे रोने पर तुम
दिल का आना बुरी बला है

जितना चाहो जलाओ हम को
तुम भी कितने हो देखना है

माशूक़ मनाएँ तुम को 'जौहर'
ये भी इक क़ुदरत-ए-ख़ुदा है