दिल को हासिल ख़ुशी नहीं होती
एक पल ज़िंदगी नहीं होती
रात आँखों में कट गई लेकिन
दर्द में कुछ कमी नहीं होती
कुछ तो है दोस्ती के पहलू में
बे-सबब दुश्मनी नहीं होती
हर कोई आप सा नहीं होता
हर गली वो गली नहीं होती
ग़ज़ल
दिल को हासिल ख़ुशी नहीं होती
जावेद मंज़र