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दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया | शाही शायरी
dil-e-sitam-zada betabiyon ne luT liya

ग़ज़ल

दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया

इंशा अल्लाह ख़ान

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दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया
हमारे क़िबले को वहहाबियों ने लूट लिया

कहानी एक सुनाई जो हीर-राँझा की
तो अहल-ए-दर्द को पंजाबियों ने लूट लिया

ये मौज-ए-लाला-ए-ख़ुद-रौ नसीम से बोले
कि कोह-ओ-दश्त को सैराबियों ने लूट लिया

सबा क़बीला-ए-लैला में उड़ गई ये ख़बर
कि नाक़ा नज्द के आराबियों ने लूट लिया

किसी तरह से नहीं नींद आती 'इंशा' को
इसी ख़याल में बे-ख़्वाबियों ने लूट लिया