दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया
हमारे क़िबले को वहहाबियों ने लूट लिया
कहानी एक सुनाई जो हीर-राँझा की
तो अहल-ए-दर्द को पंजाबियों ने लूट लिया
ये मौज-ए-लाला-ए-ख़ुद-रौ नसीम से बोले
कि कोह-ओ-दश्त को सैराबियों ने लूट लिया
सबा क़बीला-ए-लैला में उड़ गई ये ख़बर
कि नाक़ा नज्द के आराबियों ने लूट लिया
किसी तरह से नहीं नींद आती 'इंशा' को
इसी ख़याल में बे-ख़्वाबियों ने लूट लिया
ग़ज़ल
दिल-ए-सितम-ज़दा बेताबियों ने लूट लिया
इंशा अल्लाह ख़ान