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दिल-ए-शहीद हुआ है शहीद-ए-हुस्न-ए-सिफ़ात | शाही शायरी
dil-e-shahid hua hai shahid-e-husn-e-sifat

ग़ज़ल

दिल-ए-शहीद हुआ है शहीद-ए-हुस्न-ए-सिफ़ात

पंडित जवाहर नाथ साक़ी

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दिल-ए-शहीद हुआ है शहीद-ए-हुस्न-ए-सिफ़ात
पिलाया ज़ौक़-ए-नज़र ने भी जाम-ए-आब-ए-हयात

अदम वजूद तअय्युन सिफ़ात जल्वा-ए-ज़ात
ग़लत है वहम दुई नफ़्य है ये फिल-अस्बात

निगाह-ए-लुत्फ़ से देखो हमें भी हुस्न-आरा
कहाँ है रंग-ए-तजाहुल ये दाख़िल-ए-हसनात

फ़रोग़-ए-जज़्ब-ए-अनल-हक़ में रंग-ए-हू हक़ है
हुए जो अहल-ए-नज़र उन का साफ़ है मिर्रात

हमारा शेवा-ए-तस्लीम है रज़ा-ब-क़ज़ा
अदा-ए-रंग-ए-तवक्कुल है क़ाज़ी-उल-हाजात

कमाल-ए-इश्क़ है 'साक़ी' फ़रोग़-ए-हुस्न-ए-अमल
ये रंग-ए-शेवा-ए-अहसन है दाख़िल-ए-हसनात