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दिल धड़कने का सबब क्या होगा | शाही शायरी
dil dhaDakne ka sabab kya hoga

ग़ज़ल

दिल धड़कने का सबब क्या होगा

प्रेम भण्डारी

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दिल धड़कने का सबब क्या होगा
फिर तुझे ख़्वाब में देखा होगा

फूल के चेहरे ये शबनम कैसी
आसमाँ रात में रोया होगा

जिस ने ख़्वाबों में समुंदर देखे
उस की तक़दीर में सहरा होगा

तुझ से बिछड़ा तो गुमाँ होता है
जाने क्या मैं ने गँवाया होगा