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दिल और दिल में याद किसी ख़ुश-ख़िराम की | शाही शायरी
dil aur dil mein yaad kisi KHush-KHiram ki

ग़ज़ल

दिल और दिल में याद किसी ख़ुश-ख़िराम की

फ़ानी बदायुनी

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दिल और दिल में याद किसी ख़ुश-ख़िराम की
सीने में हश्र ले के चले हैं जहाँ से हम

अब चारासाज़ी-ए-दिल बीमार क्या करें
ऐ मर्ग-ए-ना-गहाँ तुझे लाएँ कहाँ से हम

अल्लाह रक्खे हम को सहारा है ज़ोफ़ का
बैठे तो फिर उठेंगे न इस आस्ताँ से हम

क्या क्या दिए फ़रेब ग़म-ए-इश्क़-ए-यार ने
दिल हम से बद-गुमान है और राज़-दाँ से हम