दें जिसे चाहें दिल हमारा है
इस में क्या आप का इजारा है
बहकी बहकी जो करते हो तक़रीर
सच कहो दिल कहाँ तुम्हारा है
जान देते हैं सब्र करते हैं
वाह क्या हौसला हमारा है
सीने से लिपटो या गला काटो
हम तुम्हारे हैं दिल तुम्हारा है
पानी तलवार का न पीने दिया
सूखे घाट आप ने उतारा है
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ग़ज़ल
दें जिसे चाहें दिल हमारा है
लाला माधव राम जौहर