दवा कोई क्या काम लिखूँ
नुस्ख़े में आराम लिखूँ
सूरज को मरते देखूँ
वक़्त बराबर शाम लिखूँ
दो-नाली बंदूक़ चलाऊँ
जंगल में कोहराम लिखूँ
धंदा करूँ नमाज़ों का
पेशानी पर दाम लिखूँ
आसमान पर जा पहुँचूँ
अल्लाह तेरा नाम लिखूँ
'अल्वी' आप के खाते में
आज की शब के जाम लिखूँ
ग़ज़ल
दवा कोई क्या काम लिखूँ
मोहम्मद अल्वी