दर्द की इंतिहा नहीं मा'लूम
हश्र क्यूँकर उठा नहीं मा'लूम
कौन है आश्ना नहीं मा'लूम
कौन देगा दग़ा नहीं मा'लूम
वो तो रुख़्सत हुए गले मिल कर
कब टलेगी बला नहीं मा'लूम
ऐ मसीहा मिरा इलाज न कर
तुझ को मेरी दवा नहीं मा'लूम
दोस्तों का ख़ुलूस याद रहा
दुश्मनों की अदा नहीं मा'लूम
फूल मुरझा गए गुलिस्ताँ के
कैसा झोंका चला नहीं मा'लूम
किस को मैं बा-वफ़ा कहूँ 'मैकश'
कौन है बा-वफ़ा नहीं मा'लूम
ग़ज़ल
दर्द की इंतिहा नहीं मा'लूम
मैकश नागपुरी