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डराने वाला सुन कर डर रहा है | शाही शायरी
Darane wala sun kar Dar raha hai

ग़ज़ल

डराने वाला सुन कर डर रहा है

आयुष चराग़

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डराने वाला सुन कर डर रहा है
हथेली पर हमारा सर रहा है

जला देगा अगर रोका गया तो
अभी लावा सफ़र तय कर रहा है

दुआ दी थी जिसे जीने की तुम ने
दुआ मर मर के पूरी कर रहा है

वो जिस बस्ती में दिखता है धुआँ सा
उसी बस्ती में मेरा घर रहा है

तिरा महबूब वो होने से पहले
हमारे साथ भी अक्सर रहा है