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छत की कड़ियाँ जाँच ले दीवार-ओ-दर को देख ले | शाही शायरी
chhat ki kaDiyan jaanch le diwar-o-dar ko dekh le

ग़ज़ल

छत की कड़ियाँ जाँच ले दीवार-ओ-दर को देख ले

तनवीर सिप्रा

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छत की कड़ियाँ जाँच ले दीवार-ओ-दर को देख ले
मुझ को अपनाने से पहले मेरे घर को देख ले

चंद लम्हों का नहीं ये उम्र भर का है सफ़र
राह की पड़ताल कर ले राहबर को देख ले

अपनी चादर की तवालत देख कर पाँव पसार
बोझ सर पर लादने से क़ब्ल सर को देख ले

एक हरकत से बदल जाता है लफ़्ज़ों का मिज़ाज
अपनी हर तहरीर में ज़ेर-ओ-ज़बर को देख ले

जानिब-ए-बाज़ार पत्थर फेंकने से पेशतर
तू किसी 'सिपरा'-नुमा शोरीदा-सर को देख ले