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भूल जाओगे तुम अगर मुझ को | शाही शायरी
bhul jaoge tum agar mujhko

ग़ज़ल

भूल जाओगे तुम अगर मुझ को

नदीम फर्रुख

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भूल जाओगे तुम अगर मुझ को
कौन देगा मिरी ख़बर मुझ को

मर्तबा चाहता हूँ कुछ मैं भी
ऐ मोहब्बत तबाह कर मुझ को

जो मुझे एक दिन में भूल गया
याद आएगा उम्र-भर मुझ को

ऐ शब-ए-ग़म कोई तो आहट कर
काट खाएगा मेरा घर मुझ को

मैं तिरे दिल का एक हिस्सा हूँ
अपने अंदर तलाश कर मुझ को