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भला कह दिया या बुरा कह दिया | शाही शायरी
bhala kah diya ya bura kah diya

ग़ज़ल

भला कह दिया या बुरा कह दिया

राणा गन्नौरी

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भला कह दिया या बुरा कह दिया
जिसे जो भी अच्छा लगा कह दिया

इसी बात पर वो बिगड़ने लगे
कि हम ने उन्हें चाँद सा कह दिया

मिरी आँख कुछ ऐसी भरमा गई
धुएँ को भी मैं ने घटा कह दिया

ख़ुदा ही समझने लगे ख़ुद को तुम
किसी ने जो तुम को ख़ुदा कह दिया

जिसे सुन के आप इतने ना-ख़ुश हुए
वो हम भी सुनें हम ने क्या कह दिया

किया ज़ब्त होंटों पे मैं ने बहुत
निगाहों ने सब माजरा कह दिया

सुनी दिल से 'राना' जब उस ने ग़ज़ल
तो ख़ुश हो के सद-मर्हबा कह दिया