बे-कराँ दश्त-ए-बे-सदा मेरे 
आ खुले बाज़ुओं में आ मेरे 
साफ़-शफ़्फ़ाफ़ सब्ज़ फ़र्श तिरा 
गर्द-आलूदा दस्त ओ पा मेरे 
सरकश ओ सर-बुलंद बाम तिरा 
सर-निगूँ शहपर-ए-हवा मेरे 
बे-सुतूँ ख़ेमा-ए-सबात तिरा 
महव-ए-सहरा नुक़ूश-ए-पा मेरे 
शब-ए-हिज्राँ कि ला-ज़वाल तिरी 
ग़म कि आमादा-ए-फ़ना मेरे 
दश्त ओ दरिया सभी ख़मोश हुए 
ज़मज़मा-संज ओ हम-नवा मेरे 
मैं पयम्बर तिरा नहीं लेकिन 
मुझ से भी बात कर ख़ुदा मेरे 
एक इक तारा जानता है मुझे 
हैं सभी 'ज़ेब' आश्ना मेरे
        ग़ज़ल
बे-कराँ दश्त-ए-बे-सदा मेरे
ज़ेब ग़ौरी

