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बहाए शबनम ने अश्क पैहम नसीम भरती है सर्द आहें | शाही शायरी
bahae shabnam ne ashk paiham nasim bharti hai sard aahen

ग़ज़ल

बहाए शबनम ने अश्क पैहम नसीम भरती है सर्द आहें

अनीसा बेगम

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बहाए शबनम ने अश्क पैहम नसीम भरती है सर्द आहें
न सौत-ए-बुलबुल में है तरन्नुम हर एक नग़्मे का तार बदला

न रिंद को लुत्फ़-ए-मय-कशी है न ज़ाहिदों को नमाज़ की धुन
अज़ाब बदला सवाब बदला शराब बदली ख़ुमार बदला

चमन की दिलचस्पियाँ कहाँ हैं न चहचहे हैं न क़हक़हे हैं
क़दम जमाए हैं क्या ख़िज़ाँ ने कि आज रंग-ए-बहार बदला