बातें न किस ने हम को कहीं तेरे वास्ते
और हम ने भी न किस की सहीं तेरे वास्ते
हैरान दर-ब-दर पड़े फिरते हैं रात दिन
ख़ुर्शीद ओ माह ज़ोहरा-जबीं तेरे वास्ते
सीमाब ओ बर्क़ ओ शोला-ए-जव्वाला और ये दिल
बेताब उन में कौन नहीं तेरे वास्ते
हम ने तिरी तलाश में ऐ बर्क़-वश किया
याँ एक आसमान ओ ज़मीं तेरे वास्ते
शब सोज़-ए-ग़म से शम्अ-सिफ़त बे-क़रारियाँ
क्या क्या न मेरे दिल को रहीं तेरे वास्ते
तू ज़ेब-ए-बज़्म-ए-ग़ैर रहा और मैं यहाँ
भटका फिरा कहीं का कहीं तेरे वास्ते
ये नाले वो हैं याद रहे तू न गर मिला
पहुँचेंगे ता-ब अर्श-ए-बरीं तेरे वास्ते
कुछ और इख़्तिलाफ़ का बाइस नहीं फ़क़त
आलम में है चुनाँ-ओ-चुनीं तेरे वास्ते
फ़ज़्ल-ए-ख़ुदा से याद रहे 'ऐश' नेमतें
मौजूद होंगी देख यहीं तेरे वास्ते
ग़ज़ल
बातें न किस ने हम को कहीं तेरे वास्ते
ऐश देहलवी