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बात छेड़ो न कोई उस के फ़साने वाली | शाही शायरी
baat chheDo na koi uske fasane wali

ग़ज़ल

बात छेड़ो न कोई उस के फ़साने वाली

सरवर नेपाली

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बात छेड़ो न कोई उस के फ़साने वाली
वर्ना दिल को नहीं तस्कीन है आने वाली

थक गई आज चलाए नहीं तुम ने पत्थर
मुझ को आदत है सदा ख़ूँ में नहाने वाली

फिर उठे आज क़दम जानिब-ए-मक़्तल मेरे
ये कशिश जान से पहले नहीं जाने वाली

अश्क ऐसे न बहाओ मिरा दिल जलने दो
आग ये वो नहीं पानी से बुझाने वाली