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अयाँ हो आप बेगाना बनाया | शाही शायरी
ayan ho aap begana banaya

ग़ज़ल

अयाँ हो आप बेगाना बनाया

यासीन अली ख़ाँ मरकज़

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अयाँ हो आप बेगाना बनाया
वजूद-ए-ख़ाक का शाना बनाया

तू है अल्फ़ाज़ से माहिर ऐ वाइ'ज़
मुझे बे-कैफ़-ओ-कम-मा'ना बनाया

किया इज़हार जब मैं राज़-ए-हक़ को
तो आलम मुझ को रिंदाना बनाया

हँसी से मेरी इस ने टाल दी बात
मैं था होशियार दीवाना बनाया

मुझे साक़ी ने बे-मिन्नत के दी मय
ख़ुमार-ए-इश्क़-ए-मर्दाना बनाया

पुकारा इश्क़ ने जा ढूँढ ले यार
तन-ए-ख़ाकी को है ख़ाना बनाया

उड़ाया बात में जो ख़ुद-परस्ती
मुझे मुल दे के मस्ताना बनाया

मैं जाना आप को हर हाल मज़हर
ब-ज़ाहिर बंदा फ़रज़ाना बनाया

ऐ 'मरकज़' तुझ से है सब शान ज़ाहिर
अजब आईना शाहाना बनाया