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अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें | शाही शायरी
ashk in aankhon se hum dil mein baha kar dekhen

ग़ज़ल

अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें

अतीक़ अंज़र

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अश्क इन आँखों से हम दिल में बहा कर देखें
आज सैलाब को सीने में छुपा कर देखें

एक बार और ज़रा दिल से मिरे खेल करें
एक बार और मिरी आँखों में आ कर देखें

आप के दिल में उतर जाऊँगा धड़कन बन कर
मेरे हाथों से कभी हाथ मिला कर देखें

क्या ख़बर आए वो जब तेज़ हों ज़ख़्मों के दिए
उन चराग़ों की लवें और बढ़ा कर देखें

बारिश-ए-ग़म में हँसी भीगी हुई है मेरी
शक अगर हो तो उसे हाथ लगा कर देखें

हम जिसे चाहते हैं दूर से देखा है उसे
जी बहुत चाहता है पास बुला कर देखें