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अपना किरदार निभाया है समुंदर मैं ने | शाही शायरी
apna kirdar nibhaya hai samundar maine

ग़ज़ल

अपना किरदार निभाया है समुंदर मैं ने

ज्योती आज़ाद खतरी

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अपना किरदार निभाया है समुंदर मैं ने
एक क़तरे को बनाया है समुंदर मैं ने

अपनी लहरों से ज़रा कह दे कि हुशियार रहें
दिल में तूफ़ान छुपाया है समुंदर मैं ने

जिस को मद-मस्त हवाएँ भी बुझा न पाएँ
दीप इक ऐसा जलाया है समुंदर मैं ने

तुझ को परवाह नहीं वादे की तो अपने न सही
प्यार का दिल में छुपाया है समुंदर मैं ने

तेरी दुनिया को उजालों से सजाने के लिए
दिल चराग़ों सा जलाया है समुंदर मैं ने

आज़माने को फ़क़त ज़र्फ़ मिरी आँखों का
आइना तुझ को बनाया है समुंदर मैं ने