अपना दुखड़ा कहते हैं
और तुझे क्या कहते हैं
कच्ची कोंपल होता है
प्यार का रिश्ता कहते हैं
दुनिया किस की अपनी है
अहल-ए-दुनिया कहते हैं
ऐ दिल ये दर-मांदगियाँ
तुझ को दरिया कहते हैं
अपना सा बस लगता है
जिस को अपना कहते हैं
लूटने वाले! देर न कर
लूट के ले जा कहते हैं
'गौहर' लोग तो बात नहीं
बात का सेहरा कहते हैं
ग़ज़ल
अपना दुखड़ा कहते हैं
गौहर होशियारपुरी