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ऐ मेरे दिल तू बता तुझ को गवारा क्या है | शाही शायरी
ai mere dil tu bata tujhko gawara kya hai

ग़ज़ल

ऐ मेरे दिल तू बता तुझ को गवारा क्या है

तरकश प्रदीप

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ऐ मेरे दिल तू बता तुझ को गवारा क्या है
जो तिरा दर्द है सो है बता चारा क्या है

अपनी बाबत कभी पूछा तो बताएँगे उसे
डूबने वालों को तिनके का सहारा क्या है

और भटकेंगे तो कुछ और नया देखेंगे
हम तो आवारा परिंदे हैं हमारा क्या है

रोज़ इक शख़्स की यादों का जनाज़ा ढोया
उम्र के नाम पे हम ने भी गुज़ारा क्या है

एक दिन हँसते हुए कहने लगी वो मुझ से
सारे अशआ'र तो मेरे हैं तुम्हारा क्या है