अगरचे आह-ए-सर-ए-शाम भी ज़रूरी है 
दिल-ए-सितम-ज़दा आराम भी ज़रूरी है 
सितम-शिआ'र की तफ़रीह-ए-सामेआ' के लिए 
ख़रोश-ए-मुर्ग़-ए-तह-ए-दाम भी ज़रूरी है 
ज़िया-ए-किरमक-ए-शब-ताब ही नहीं काफ़ी 
सितारा-ए-सहर-अंजाम भी ज़रूरी है 
गिराँ-बहा है मबाहिस की शबनम-आगीनी 
अगरचे बुर्रिश-ए-समसाम भी ज़रूरी है 
बड़ी है बात तो मुँह भी बड़ा मुहय्या कर 
फिर इस के साथ बड़ा नाम भी ज़रूरी है 
सुकूत गुल का अगर ना-गुज़ीर है 'जाफ़र' 
तो अंदलीब का कोहराम भी ज़रूरी है
        ग़ज़ल
अगरचे आह-ए-सर-ए-शाम भी ज़रूरी है
जाफ़र बलूच

