अधूरे ख़्वाब का चेहरा उदासी
बदलते वक़्त का लहजा उदासी
चराग़-ए-आख़िर-ए-शब आख़िरी लौ
ख़मोशी बोलती है या उदासी
गुमाँ का पहला मंज़र रौशनी है
गुमाँ का आख़िरी लम्हा उदासी
तिरा होना भी अब काफ़ी नहीं है
उदासी है बहुत बेजा उदासी
ये फीकी मुस्कुराहट भीगी पलकें
पुरानी याद का रिश्ता उदासी

ग़ज़ल
अधूरे ख़्वाब का चेहरा उदासी
राहिल बुख़ारी