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अधूरे ख़्वाब का चेहरा उदासी | शाही शायरी
adhure KHwab ka chehra udasi

ग़ज़ल

अधूरे ख़्वाब का चेहरा उदासी

राहिल बुख़ारी

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अधूरे ख़्वाब का चेहरा उदासी
बदलते वक़्त का लहजा उदासी

चराग़-ए-आख़िर-ए-शब आख़िरी लौ
ख़मोशी बोलती है या उदासी

गुमाँ का पहला मंज़र रौशनी है
गुमाँ का आख़िरी लम्हा उदासी

तिरा होना भी अब काफ़ी नहीं है
उदासी है बहुत बेजा उदासी

ये फीकी मुस्कुराहट भीगी पलकें
पुरानी याद का रिश्ता उदासी