अब के बरसात में पानी आए
ख़ुश्क दरिया में रवानी आए
हर घटा काली हो काजल जैसी
रंग हर खेत पे धानी आए
फूल सा रूप लिए दिन निकले
रात आए तो सुहानी आए
धूप आए तो सुहानी आए
चाँदनी ले के जवानी आए
शेर कहते हैं यूँही से 'अल्वी'
क्या हमें बात बनानी आए
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ग़ज़ल
अब के बरसात में पानी आए
मोहम्मद अल्वी